Infosys@40: 10 हजार रुपए से शुरू किया कारोबार अब 100 बिलियन डॉलर की बनी कंपनी, अद्भुत रहा नारायण मूर्ति का सफर
Infosys@40: इन्फोसिस की स्थापना को 40 साल पूरे हो गए हैं. नारायण मूर्ति ने पत्नी सुधा मूर्ति से 10 हजार का कर्ज लेकर साल 1981 में इस कंपनी की स्थापना की थी. एक कमरे से शुरू हुई यह कंपनी आज 54 देशों में फैली हुई है.
Infosys@40: देश की IT दिग्गज इन्फोसिस को चार दशक पूर हो गए हैं. 40 सालों का यह सफर एक अद्भुत कहानी है. 7 इंजीनियर ने मिलकर एक बेडरूम से इस कंपनी की शुरुआत की थी. आज इसका कारोबार 54 देश के 247 शहरों में फैला हुआ है. अभी इस कंपनी के साथ 3 लाख 45 हजार एंप्लॉयी काम करते हैं. यह देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी है. कॉर्पोरेट गवर्नेंस को लेकर इस कंपनी को गोल्ड स्टैंडर्ड मिला हुआ है. यह दुनिया की Fortune-500 कंपनियों में शामिल है.
पत्नी सुधा मूर्ति से लिया था 10 हजार का कर्ज
इन्फोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति ने अपनी पत्नी सुधा मूर्ति से 10 हजार का कर्ज लिया और इस कंपनी की स्थापना की थी. आज इस कंपनी का सालाना रेवेन्यू 17 बिलियन डॉलर (करीब 1.35 लाख करोड़ रुपए) है. कंपनी का मार्केट कैप 77 बिलियन डॉलर है. एक समय यह 100 बिलियन डॉलर पार कर गया था. आईटी कंपनी होने के बावजूद शुरुआती कुछ सालों में नारायण मूर्ति बिना कंप्यूटर के काम करते थे. कंपनी को एक साल का वक्त टेलीफोन कनेक्शन लेने में लग गया. कंप्यूटर आयात करने के लिए लाइसेंस मिलने में 3 साल का वक्त निकल गया.
1981 में सात इंजीनियर ने मिलकर इसकी स्थापना की थी
इन्फोसिस की स्थापना साल 1981 में सात इंजीनियर ने मिलकर की थी. नारायण मूर्ति के अलावा नंदन नीलेकणि, एस गोपालकृष्णन, SD शिबूलाल, के दीनेश, NS राघवन और अशोक अरोड़ा इसके फाउंडर मेंबर थे. दो साल बाद 1983 में कंपनी ने अपना कॉर्पोरेट ऑफिस बेंगलुरू शिफ्ट किया.
1993 में कंपनी IPO लेकर आई थी
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
फरवरी 1993 में कंपनी ने आईपीओ लाने का फैसला किया. इसका इश्य प्राइस 95 रुपए रखा गया था. यह आईपीओ 13 परसेंट अंडर सब्सक्राइब्ड रहा था. मार्गन स्टैनली ने अन-सब्सक्राइब्ड हिस्से को खरीदा और यह आईपीओ 52 फीसदी प्रीमियम पर लिस्ट हुआ था. साल 1999 में कंपनी का रेवेन्यू 100 मिलियन डॉलर पहुंचा और कंपनी अमेरिकी बाजार में लिस्ट होने का फैसला किया. Nasdaq में लिस्ट होने वाली यह पहली आईटी कंपनी बनी. 2006 में यह नैसडैक-100 में शामिल हुई.
23 साल बाद 1 बिलियन डॉलर का रेवेन्यू
कंपनी को 1 बिलियन डॉलर का रेवेन्यू जेनरेट करने में 23 साल लग गया. यह सफलता 2004 में हासिल हुई. 2010 में कंपनी का सालाना रेवेन्यू पहली बार 5 बिलियन डॉलर पार किया. 2012 में फोर्ब्स ने इंफोसिस को दुनिया की सबसे इनोवेटिव कंपनी करार दिया था.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक हैं नारायण मूर्ति के दामाद
विशाल सिक्का कंपनी के पहले नॉन-फाउंडर CEO बनाए गए थे. उन्हें 2014 में कंपनी का सीईओ नियुक्त किया गया था. उन्होंने फाउंडर मेंबर SD शिबूलाल की जगह ली थी. अगस्त 2017 में उन्होंने इन्फोसिस के सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया था. सलील पारेख अभी इन्फोसिस के सीईओ हैं. इन्फोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति की शादी ऋषि सुनक से हुई है. वे हाल ही में इंग्लैंड के प्रधानमंत्री चुने गए हैं.
09:49 PM IST